यह योग मंगल के द्वारा बनता है -
यदि मंगल के मेष,वृश्चिक , मकर में (उच्च अंशों में ) हो तो यह योग होता है | यह योग और भी प्रभावी होता है जब यह केंद्र में बनता है | मेरे अनुभव में यदि यह योग दशम में हो और अधिक प्रभावी होता है |
मंगल के द्वारा बनने वाला यह योग मंगल के प्रभाव को बढाता है | यदि यह योग मेष-कर्क-सिंह-मकर-और मीन राशियों में सबसे उत्तम फल देता है और धनु-वृश्चिक लग्नों में इसका मध्यम फल होता है | शेष अन्य लग्नों में
इसका फल बहुत अच्छा नहीं होता है |
अन्य अगले भाग में .................................
4 comments:
पञ्च महापुरुष योग पर उत्पन्न हुए लोगों को क्या फल मिलता है उसे भी लिखने का कष्ट करें
धन्यवाद
आशीष
a very good knowlagdfull bolg of astrology,i m impresd
thanku
saroj khan
श्री मान भूपेंद्र जी
भवतः लेखान पठित्वा अहं अतीव प्रसन्नः अभवम ॥ अहं अशाशे एवं-मेव प्रयासाय भवान् संलग्नो भविता ॥
उमाकान्तः
मम संदेशः
सर्वेषां भर्तियनं कृते मम संदेशः ॥ वयं खलु भारतीयाःअस्माभिः संस्कृतं ज्ञातव्यं-पठितव्यं-भाषितव्यं च॥ परम् न वयं कुर्मः तथा ॥ यदि वयमेव संस्कृताय प्रयासं न करिष्यामः तर्हि को कर्त्ता॥ अतः सर्वे धीमन्तः जगरुकाः भवन्तु-संस्कृतं वदन्तु
उमाकान्तः
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