Friday, March 26, 2010

द्वितीय भाव,तृतीय भाव,चतुर्थ भाव ,पंचम भाव,

प्रथम भाव के बाद हम द्वितीय भाव का विचार करते हैं -
द्वितीय भाव को धन भाव भी कहते हैं अतः धन ,कुटुंब,परिवार,संचित धन ,आँख,वाणी ,का विचार किया जाता है
तृतीय भाव -पराक्रम भाई, निकट देश की यात्रा ,कान ,हाँथ,का विचार करते हैं
चतुर्थ भाव - माँ ,स्थिर संपत्ति,जल,भूमि,मकान,उत्तर दिशा ,ह्रदय,वाहन विचार करते हैं
पंचम भाव - पुत्र -पुत्री,मन्त्र, बुद्धि,राज्य कृपा,विद्या,ज्ञान, पेट का विचार किया जाता है

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