Wednesday, March 31, 2010

भाव फल

षष्ठ भाव -
यह भाव बाधा ,परेशानी,रोग,शत्रु,मामा,नौकर,नौकरी,क्रूर कर्म का कारक है
सप्तम भाव-
विवाह,पत्नी,व्यापर,यात्रा,जननांग, पत्नी के द्वारा लाभ ,विवाह की दिशा,विवाह का समय,पत्नी का स्वभाव आदि का विचार किया जाता है
http://www.blogger.com/post-create.g?blogID=5926081360506889665

1 comment:

Unknown said...

saptam bahv par aapka diya gaya vichar atyant hi rochak hai maine ise aajmaya bhi hai aur yah vishay saty bhi laga hai
Dhanyawad

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