Saturday, September 25, 2010
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पाराशर के अनुसार ग्रह दृष्टि
पश्यन्ति सप्तमं सर्वे शनि जीव कुजः पुनः । विशेषतश्च त्रिदशत्रिकोणचतुरष्टमान् || भावः - यहाँ पर ग्रहों की दृष्टि के बारे में बतलाते हु...
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यह कुंडली चक्र राशी स्वामी को बताता है जैसे -मेष का स्वामी मंगल ,वृषभ का स्वामी शुक्र इत्यादि ......... इसी को कालपुरुष कुंडली चक्र भी कहते...
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पश्यन्ति सप्तमं सर्वे शनि जीव कुजः पुनः । विशेषतश्च त्रिदशत्रिकोणचतुरष्टमान् || भावः - यहाँ पर ग्रहों की दृष्टि के बारे में बतलाते हु...
6 comments:
यह विचार कृपया और स्पष्ट करने का कष्ट करें क्योकि उस दिन का नक्षत्र से हम कैसे देखें ?
दीप्ति
आचार्य जी
नमस्कार
मैंने आपका ब्लॉग पढ़ा वह अच्छा लगा |
प्रतीक
आचार्य जी नमस्कार
क्या चोरी गई या न मिलाने वाली वास्तु को ही नष्ट कहते हैं | और इस टोपिक पर लिखने का कष्ट करें
प्रतीक त्रिपाठी
आचार्य जी मैंने आपका लेख मैंने पढ़ा और बहुत ही अच्छा लगा और हमेशा आप ऐसे ही लिखते रहे यही मेरी शुभकामना है
राजकुमार खरे
dear bhupendra
good job
dr.l.n sharma
bhupendra ji
kya loss proparty milegi is topic par bhee likhen
aashish
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