Tuesday, September 28, 2010

विवाह में होने वाले विलम्ब के ज्योतिषीय कारण

ज्योतिष में प्रश्न कुण्डली से या जन्मकुंडली से विवाह का विचार सप्तम भाव से किया जाता है | यदि सप्तम भाव का स्वामी शुभ ग्रह बलवान हो तो सप्तम भाव के लिए बहुत ही अच्छा होता है | 
१-जन्मांग में सप्तम स्थान में शनि हो या उसका प्रभाव हो  तो निश्चित ही विवाह में विलम्ब होता है |
२- प्रथम,द्वितीय,चतुर्थ,पंचम,सप्तम,या दशम में से किसी भी स्थान में शनि का प्रभाव हो या फिर शनि ही वहां स्वयं बैठा हो |
३-जन्म कुण्डली में बलवान मंगल का प्रभाव ( १,४,७,८,१२,) हो 
४-लग्न या सप्तम में शनि-शुक्र का एक साथ होना |
५- लग्न या सप्तम में राहु या केतु का प्रभाव हो |
६- सूर्य शनि से प्रभावित होकर सप्तम को देख रहा हो |
७-सप्तम के स्वामी के साथ शनि बैठा हो व उसे पूर्ण दृष्टि से देखता हो |
८- चन्द्र से भी सप्तम भाव के स्वामी के साथ या सप्तम भाव के साथ शनि ,राहु,केतु का पूर्ण प्रभाव हो और उस समय राहु या गुरु की दशा-अन्तर्दशा चल रही हो |
९-सप्तम भाव का स्वामी वक्री,अस्त हो |
१०- सप्तम भाव का स्वामी छठे-अष्टम भाव में हो |
११-सप्तम भाव का स्वामी पंचम भाव में हो |
१२- छठे -अष्टम या द्वादश भाव का स्वामी सप्तम में हो या सप्तम के साथ बैठा हो |
१३-पुरुष की कुण्डली में शुक्र और मंगल कहीं भी एक साथ बैठे हों|
१४-शुक्र-शनि का १-७ का सम्बन्ध हो 
इन सभी स्थितियों  में विवाह में विलम्ब होता है | जब सप्तम का स्वामी बलवान होता है किसी शुभग्रह के साथ होता है तब यह प्रभाव कम होता है | आप इन सभी योगों को अपनी कुण्डली में परख सकते हैं | 

2 comments:

Unknown said...

भूपेंद्र जी
मैंने श्राद्ध के बारे में पढ़ा यह बहुत ही अच्छा आपने लिखा है
धन्यवाद
दीप्ति

Anonymous said...

jyotish ji
maine apnee kunadli men in yogon ko milaya tha.aapke anusar meri kundali men badha yog hai, mera janm 1979 ka hai shayad isi karan se mere vivah men bhi vilamb chal raha hai ,kya aap meri kundai dekh sakte hain
rajkumar

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