Saturday, February 12, 2011

फैशन विशेषज्ञ और ज्योतिष योग (Astrology Yoga for Fashion Designer Career)

फैशन डिजाइंनिंग के व्यवसाय से जुडने के लिये व्यक्ति में कलात्मक अभिरुचि और उसको करने का जुझारुपन होना चाहिए तथा भाग्य का सहयोग भी व्यक्ति को मिले तो सफलता व्यक्ति के कदम चूमंती है.

फैशन डिजायन का व्यवसाय तेजी से निरन्तर फैलता जा रहा है. शहर के युवाओं के लिये यह सबसे पसन्दीदा काम है. क्योंकि फ़ैशन डिजायन कैरियर में काम व दाम दोनों है. साथ ही ग्लैमर तो है ही. फैशन विशेषज्ञ के क्षेत्र में कई भिन्नताएं है. कुछ को इसमें वस्त्र, आभूषण श्रंगार अथवा कपडो की कटाई, सिलाई आदि का काम पसन्द आता है. तो कुछ व्यक्तियों को फैशन शो का आयोजन करना अधिक पसन्द होता है. इस प्रकार देखे तो फैशन का क्षेत्र अत्यन्त विस्तृत है. यह सही है कि फैशन की दुनिया में व्यक्ति को सबसे अलग सोच को साकार करने का मौका मिलता है. आइये इसे फैशन डिजायन कैरियर के लिये ज्योतिष योगों  (Astrology Yoga for Fashion Designer Career) को देखें

आवश्यक भाव :- तीसरा, नवम व बारहवां घर (Prime houses - third, ninth and twelfth)

फैशन के भावों में तीसरा घर, नवम घर व द्वादश घर को मुख्य घर समझा जाता है. द्वादश का घर इसमें इसलिए सम्मिलित किया जाता है क्योकि इस घर का प्रभाव मिलने से व्यक्ति अपनी प्रतिभा को विदेश में जाकर प्रदर्शित कर सकता है. तीसरे घर को प्रतिभा का घर कहा जाता है. नवम घर से विशेष शिक्षा देखते है.

व द्वादश घर क्योकि यह तीसरे से दशवां घर (12th is the tenth house from 3rd) है इसलिये इसका महत्व ओर भी बढ जाता है. अत: जरुरी घर तीन हुए वह है तीसरा, नवम व बारहवां. इन सभी का दसंवे घर से संबध व्यक्ति को इस क्षेत्र में ले आता है.

2. आवश्यक ग्रह:- शुक्र, राहु व चन्द्रमा. (Prime planets: Venus, Rahu and Moon)
श्रंगार व सजावट का कारक शुक्र है (Venus is the karak for beauty and decoration). शुक्र के नये-नये प्रयोग, नयी कृ्तियों को सामने लाने का कार्य मन के कारक चन्द्र द्वारा संभव होता है. अत: शुक्र को चन्द्र का सहयोग मिले तो क्या कहना.  राहु है परम्परा से हटकर काम कराना, अनजानी राहों पर चलना इन्हे बेहद पसन्द आता है. नये विचारों को खोजना, लीक से हटकर कुछ नया करना  यह सब राहु की कृपा से ही होता है. शुक्र, राहु के मित्र भी है अत: ग्रह हुए शुक्र, राहु व चन्द्रमा.

 3. मंगल, शनि का दूसरे व दंसवे घर के भाव/भावेशो से संबध (The relationship between Mars, Saturn and houses 2nd, 10th)
फैशन की दुनिया में स्थान बनाने के लिये व्यक्ति की कुण्डली में मंगल व शनि जिन्हे तकनीकि ग्रह कहा जाता है इनका संबध दूसरे घर व दंसवे घर से पाया जाता है (There should be a relationship between Mars and Saturn). इससे व्यक्ति इस क्षेत्र में व्यक्ति की कर्मठता बढती है. क्योकी यह ऎसा व्यवसाय है जिसमें अपने काम की सराहना स्वयं ही करनी पडती है. तथा अपने प्रतिभा का प्रचार अपने आप ही करना पडता है. इस क्षेत्र में अपने आत्मविश्वास को सदा उच्च रखना पडता है.

4. फैशन के क्षेत्र में अमात्यकारक की भूमिका (The Amatyakarak and Fashion Designer Career): 
जैमिनी ज्योतिष के अमात्यकारक (Amatyakarak in Jaimini astrology) से व्यक्ति के व्यवसाय की दिशा जानना बेहद सरल है. कुण्डली में जब शुक्र का सम्बन्ध अमात्यकारक से बने व अमात्यकारक का संबध चन्द्रमा और राहु से हो तो व्यक्ति फैशन के क्षेत्र में किस्मत आजमाता है. इन सब ग्रहों का संबध तीसरे, नवम, व बारहवें भावों से होना चाहिए. जैमिनी ज्योतिष में अमात्यकारक वह ग्रह होता है जो कुण्डली में सबसे अधिक अंशों वाले ग्रह के बाद अधिक अंशों पर हो.

5. दशायें (Planetary periods )
ज्योतिष के योग होने से ही व्यक्ति को सफलता नहीं मिलती है. इसके लिये व्यक्ति को संबन्धित ग्रहों की दशाये भी मिलनी चाहिए. आय अर्जन के समय पर दसवें ग्रह, एकादश भावों के स्वामियों की दशा मिले तो व्यक्ति को योगों के पूरे फल मिलने की संभावना रहती है.

व्यक्ति की दशाएं अगर व्यवसाय के क्षेत्र से भावों की हों तो व्यक्ति को सफलता पाने में सरलता रहती है. जैसे:  उपरोक्त ग्रह योग हों और व्यक्ति को तीसरे, नवम, व बारहवें घर से जुडे ग्रहों की दशायें व्यक्ति की उचित समय में उचित दशाये मिले तो व्यक्ति सफलता की उंचाईयां चढता है.

6. गोचर (Planetary Transits):
कुण्डली में गोचर की भूमिका को नजर अन्दाज नहीं किया जा सकता है. गोचर कुण्डली (Transit Kundali) के ग्रहों के योगों को व्यक्ति की झोली में डालता है. साधारण शब्दों में इसके काम को डाकिये के काम के समान समझा जा सकता है. उदाहरण के लिये कुण्डली के दसमेश पर गोचर के दसमेश से दृ्ष्टि संबन्ध व्यक्ति को पेशे में विशेष रुप से सफलता दिलाने में सहायक रहेगा.

7. अन्य योग (Other Yogas): 
(क) व्यक्ति की कुण्डली में शुक्र का संबध चेहरे के घर दुसरे घर से हो (If Venus has an influence on the second house) तो व्यक्ति मुख व बालों को सजाने से जुडा काम करना पसन्द करता है. इसी प्रकार शुक्र का संबंध भवन के कारक मंगल अथवा निवास स्थान के घर जिसे चौथे घर के नाम से जाना जाता है. से संबध हो तो व्यक्ति को भवन को सजाने संवारने में रुचि होने की संभावनाएं बनती है.

(ख) व्यक्ति के लग्न में शुक्र, चतुर्थ में मंगल तथा दशम में शनि होने पर व्यक्ति का इंटीरियर डेकोरेटर के पेशे की ओर झुकाव रहता है. इसके अलावा व्यक्ति की लग्न शुक्र की राशि हो, चंन्दमा  दशंवे घर में स्थित होकर शुक्र से संबध बनाये. तो व्यक्ति फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र से आय की प्राप्ति करता है. 

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