Sunday, April 03, 2011

नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ

सभी बंधुओं को नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ  |

नव प्रवाह, नव प्रभाव,नव दिशा विशिष्ट हो,
नव कला, प्रभा नव , इष्ट सार शिष्ट हो,

दिग दिगंत कीर्ति का प्रवाह नित्य ही रहे ,
सदा मुदा ये सभ्यता, समाज में सदा बहे,

नही कहीं भी भूल हो, संस्कृति समूल हो,
परम पवित्र भावना, मनुष्यता भी तूल हो,

क्रोध लोभ मोह  का नहीं कहीं भी वासहो,
हम सभी मनुष्य हैं, मनुष्यता  सुवास हो,

युद्ध, अस्त्र शस्त्र का नहीं कहीं प्रयोग हो,
प्रेम ,नेम क्षेम का विचार में सुयोग हो ,

भ्रात,मात,तात का नित्य सदा मान हो,
बहन, नारी जाती का भी ,सदा सम्मान हो 

कामना यही रहे करें कर्म धर्म से ,
ख़ुशी -ख़ुशी रहें सभी प्रीति तंत्र वर्म से 

 आज हमारे सृष्टि ,मानव सभ्यता का प्रथम दिन है | यह दिन ही मानव के विकास का प्रथम दिन है| इसी दिन से हमारे पितामह ब्रह्मा जी ने सृष्टि कार्य प्रारंभ किया था | आज के दिन से सूर्य की गति का निर्धारण, दिन और रात्रि के मान का निर्धारण भी हुआ | आज के दिन ही संवत्सर का आरम्भ हुआ | आज के दिन ही विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की स्थापना भी की | इस तरह से देखा जाये तो सभी मानवीय उत्कृष्ट कार्यों का शुभारम्भ भी इसी तिथि को हुआ | हमारे भारत के बहुत महापुरुषों ने आज के दिन से संकल्प लेकर मानवीय मूल्यों की रक्षा और परिवर्धन के लिए प्रयास भी किया अतः इस दिन का महत्त्व हमारे लिए निश्चित ही बहुत बढ़ जाता है |

2 comments:

Anonymous said...

aapko bhi naye sal ki shubhkamna

Anonymous said...

bhupendra ji namaskaar
aapko nav varsh ki bahut shubh kamanayen

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