Wednesday, February 16, 2011

विवाह से पूर्व प्रश्न कुण्डली से जानिए भावी दम्पत्ति का स्वभाव (Know the nature of the married couple through Horary astrology)

jविवाह के बाद पति पत्नी में उनके व्यवहार और स्वभाव को लेकर बात बहुत आगे बढ़ जाती है. प्रश्न कुण्डली से लड़का लड़की का स्वभाव अगर विवाह से पहले ही देख लिया जाए तो विवाह के बाद आने वाली कई परेशानियों से बचाव हो सकता है.
विवाह के लिए लड़का लड़की की कुण्डली में ग्रह स्थिति (Placement of planets in the kundalis)
विवाह के लिए कुण्डली में गुरू और शुक्र को कारण ग्रह के रूप में देखा जाता है. प्रश्न कुण्डली में इस विषय के लिए पुरूष की कुण्डली में शुक्र और चन्द्र को देखा जाता है और स्त्री की कुण्डली में सूर्य और मंगल को देखा जाता है. अगर इनकी स्थिति शुभ कुण्डली में शुभ नहीं है तो वैवाहिक जीवन में कठिनाई का संकेत प्राप्त होता है. व्यक्ति के स्वभाव और चरित्र को लग्न से देखा जाता है (Ascendant is analysed to predict the person's nature) एवं वैवाहिक जीवन की स्थितियों को सप्तम, एकादश और द्वितीय भाव से देखा जाता है. अगर कुण्डली में सप्तम, एकादश और द्वितीय भाव अशुभ प्रभाव में हो और लग्न में पाप ग्रह हो अथवा सप्तम में पाप ग्रह स्थित हो कर लग्न को देख रहा हो तब व्यक्ति का चरित्र और स्वभाव वैवाहिक जीवन में परेशानियों का कारण होता है. विवाह के संदर्भ में मंगल भी काफी महत्वपूर्ण होता है. इसकी दृष्टि और उपस्थिति भी कई बार वैवाहिक सुख में व्यवधान का कारण होता है.

प्रश्न कुण्डली में लड़का लड़की का का स्वभाव और चरित्र (The character and nature of the persons through Prashna Kundali)
प्रश्न कुण्डली में कुछ ऐसे ग्रह स्थितियों का वर्णन किया गया है जिन्हें देखकर इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि व्यक्ति का स्वभाव और चरित्र कैसा है. प्रश्न कुण्डली के अनुसार जब लड़का लड़की के चरित्र के विषय में जानने के लिए प्रश्न पूछा जाता है तब कुण्डली में अगर मंगल और शुक्र की युति बनती है अथवा शुक्र और मंगल के बीच दृष्टि सम्बन्ध बनता है तो यह इस बात का संकेत होता है कि अपने चरित्र और व्यवहार के कारण वैवाहिक जीवन में पति पत्नी एक दूसरे के प्रति पूर्ण समर्पित नहीं होंगे. चन्द्रमा सातवें घर में मंगल और राहु के साथ बैठा हो (when moon is in the seventh house with mars and rahu) और सप्तमेश एवं शुक्र पर मंगल अथवा शनि की अशुभ दृष्टि हो तो पति पत्नी में नैतिकता का अभाव होता है. द्वितीय, छठे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव के स्वामी कुण्डली में कहीं भी युति बनाते है तो चंचल स्वभाव का संकेत मिलता है. पति पत्नी में समर्पण भाव का अभाव उस स्थिति में भी होता है जब बुध और शुक्र की युति चतुर्थ भाव में होती है और चतुर्थ भाव को शनि देख रहा होता हो.

पति पत्नी के चरित्र के विषय में प्रश्न कुण्डली का उदाहरण (Example of marriage from the prashna kundali)

मनोज की शादी की बात काफी हद तक आगे बढ़ चुकी थी. लेकिन मनोज के माता पिता के मन में यह बात घूम रही थी कि पता नहीं लड़की कैसी और उसका स्वभाव कैसा है. अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए इन्होंने प्रश्न कुण्डली से इस विषय का उत्तर जानना चाहा. 23 मई 2009 को 5 बजकर 12 मिनट पर इन्होंने अपना प्रश्न किया किया. लग्न निर्धारण के लिए इन्होंने कृष्णमूर्ति पद्धति से 1 से 249 तक दिये गये अंक में अंक 19 को चुना और वैदिक पद्धति के अनुसार 1 से 108 मे अंक 7 को चुना. इस प्रकार इनकी प्रश्न कुण्डली तैयार हुई. कुण्डली में लग्न आया तुला जिसका स्वामी है शुक्र. राशि है मेष जिसका स्वामी है मंगल.  नक्षत्र है भरणी जिसका स्वामी है शुक्र. इनकी प्रश्न कुण्डली में छठे भाव में मंगल और शुक्र की युति बन रही है. लग्न भाव में शनि की दृष्टि है. तुला लग्न की कुण्डली होने से शनि अपनी अशुभता नहीं देगा लेकिन छठे भाव में शुक्र मंगल की युति के कारण पति पत्नी दोनों ही स्वतंत्र विचार के होंगे.

1 comment:

Anonymous said...

namaskaar
mujhe bhi kai bar yah prashn pareshan karta hai aap se nivedan hai ki aap is bindu par aur adhik prakash dalne ka kasht karen,tabhi hum jaise logon ke man men uth rahee shankaon ka nidan sambhav hai,
aap samay-samay par achha likhate rahate hain,kuchh samay pahle aapne shiksha par likhna prarmbh kiya tha,prantu shayad kinhi karno se apne use nirantarata nahin di atah mera aap se nivedan hai ki aap us bindu par kuchh prakasha dalen
shyam mishra
raipur

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