Monday, November 01, 2010

सूर्य विचार

सूर्य के गाहों के साथ फल 
  • चन्द्र के साथ इसकी मित्रता है.अमावस्या के दिन यह अपने आगोश में लेलेता है.
  • मंगल भी सूर्य का मित्र है.
  • बुध भी सूर्य का मित्र है तथा हमेशा सूर्य के आसपास घूमा करता है.
  • गुरु यह सूर्य का परम मित्र है,दोनो के संयोग से जीवात्मा का संयोग माना जाता है.गुरु जीव है तो सूर्य आत्मा.
  • शनि सूर्य का पुत्र है लेकिन दोनो की आपसी दुश्मनी है,जहां से सूर्य की सीमा समाप्त होती है,वहीं से शनि की सीमा चालू हो जाती है."छाया मर्तण्ड सम्भूतं" के अनुसार सूर्य की पत्नी छाया से शनि की उतपत्ति मानी जाती है.सूर्य और शनि के मिलन से जातक कार्यहीन हो जाता है,सूर्य आत्मा है तो शनि कार्य आत्मा कोई काम नही करती है.इस युति से ही कर्म हीन विरोध देखने को मिलता है.
  • शुक्र रज है सूर्य गर्मी स्त्री जातक और पुरुष जातक के आमने सामने होने पर रज जल जाता है.सूर्य का शत्रु है.
  • राहु सूर्य और चन्द्र दोनो का दुश्मन है.एक साथ होने पर जातक के पिता को विभिन्न समस्याओं से ग्रसित कर देता है.
  • केतु यह सूर्य से सम है.

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