Thursday, October 07, 2010

08,-10-2010 ka Din

जय माता दी , सभी भक्तों को लिए नवरात्री की बहुत शुभकामनाएं 
आज का सुविचार-
विद्या रूपं कुरुपाणां 
मनुष्य का ज्ञान ही सुन्दरता का प्रतीक है                            
संवत- २०६७                               Durga Om Lion
मास-आश्विन शुक्ल पक्ष 
तिथि- प्रतिपदा 
नक्षत्र -हस्त प्रातः ०६.८ के बाद चित्रा  नक्षत्र 
योग-ऐन्द्र दिन के ११.४९ तक 
विशेष - आज दुर्गा उपासना हेतु कलश स्थापना,ध्वजारोपण,दीप स्थापना, और शैलपुत्री की अराधना 
आज की पूजा में माता के लिए शृंगार सामग्री में केश-सज्जा हेतु तेल,सुगन्धित द्रव्य का चढ़ाना शुभ होगा 
आज के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्त्व है , 
कलश स्थापन मुहूर्त- प्रातः ०६.०८ के अंदर क्योंकि हस्ते स्थापयेत देवीं इस वचन के अनुसार कलश की स्थापना उचित है ,परन्तु कुछ ग्रंथों के अनुसार अभिजित मुहूर्त में भी कलश स्थापना की जा सकती है , आज अभिजित मुहूर्त का समय- दिन में ११.३७ से १२.२४ के अंदर होगा,
कलश स्थापना विधि- कलश मिटटी या धातु का हो सकता है, कलश के ऊपर आम्र पल्लव, पञ्च-पल्लव रखकर एक कटोरी में धन्य / अनाज रखें,उसके ऊपर कुछ द्रव्य,सुपाड़ी , हल्दी गांठ, और लाल वस्त्र/ कलावा में लपेट कर एक नारियल भी रखें , नारियल नीचे मुख करके नहीं रखते हैं अतः नारियल का मुख यजमान मुखी, अथवा पश्चिम मुखी होना  चाहिए, निर्णय सिन्धु के अनुसार नारियल का मुख ऊपर नहीं होना चाहिए ,
साथ में सुपारी में कलावा लपेट-कर रखें गणेश स्वरुप में , गाय के गोबर या हल्दी में कलावा लपेट-कर गौरी बना लें, 
साथ में जवारे के लिए किसी मिटटी के बर्तन में शुद्ध मिटटी डाल-कर उसमें जव बोयें ,
अखंड दीप यदि घी का हो तो वह माता की मूर्ती या कलश के दाहिने तरफ  रखें 
यदि दीप तेल का हो तो बाएं तरफ रखें पर तेल का दीपक सफ़ेद बत्ती का हो तो वह भी दाहिने तरफ रख सकते हैं 
प्रथम पृथिवी का पूजन करें,फिर गणेश ,गौरी का पूजन करें, कलश पूजन करने के बाद फिर कलश में महा-लक्ष्मी,महाकाली और महा-सरस्वती का आवाहन करें,
यदि हम विशेष विधान  करना चाहें तो षोडश-मातृका ,सप्त घृत मातृका आदि का स्थापना भी कर सकते हैं ,
विशेष विधान में आप दुर्गा -सप्तशती आदि का पाठ भी लाभकारी होता है , 

11 comments:

Anonymous said...

बहुत ही बढ़िया है आपने नवरात्री में क्या कैसे करना है वह सब कुछ लिखा है
धन्यवाद्

Unknown said...

भूपेंद्र जी
आपको माता के दिनों की बधाई आप ऐसे ही माता जी के बारे में हमें बताते रहें
अमित

Unknown said...

kuch shlok bhee likhen jo mata ke dinon men puja men achhe hon
aap likhenge to vah sahee hoga
amit

Unknown said...

जय माता दी
भूपेंद्र जी अमित जी ने जो कहा है वह मेरी भी इच्छा है,आप कुछ श्लोक लिखने का कष्ट करें, आपन एजो मुहूर्त बताया था उस पर हम कलश स्थापना नहीं कर पायें है परन्तु एक अभिजित मुहूर्त में हमने कर लिया था
दीप्ति

Unknown said...

mata aapkee kamnaon ko pura karen
bhupendra ji aapn eachha likha hai
mere liye koi achha mantr batayen
prnam
rakesh singh

Unknown said...

meri man ko hamesha pareshanee rahtee hai koi yadi aisa mantr ho jisase unko aaram mil jaye to batane ka kasht kasht karen
kapil singh

Unknown said...

mata ji ki jai ho
prnam
kuchh mere liye mantr batayen pareeksha aa rahe hai
aashutosh

Unknown said...

गुरु जी प्रणाम
आपने कहा था की नवरात्री में मई एक मन्त्र बतौनगा आप उसे कृपया बताएं मई भोपाल आप से मिलाने आ रहा हूँ
प्रतीक त्रिपाठी

Unknown said...

नवरात्री दिवसाः शुभाः
सुन्दरम लिखति
लक्ष्मी नारायणः

Unknown said...

vah bhupendra ji navratri ki apko bhee shubhakamnayen
kaushal

Unknown said...

likahte rahiye

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