Thursday, September 09, 2010

बाल-अरिष्ट योग

भारतीय ज्योतिष में बाल-अरिष्ट के लिए प्रमुख तीन कारणों को स्पष्ट किया गया है |
१ गंड-अरिष्ट
२-ग्रह-अरिष्ट
३- पताकी-अरिष्ट
जिन अरिष्टों में हम ग्रह-अरिष्ट का प्रथम विचार करते हैं -
१-यदि चारोँ केन्द्रों में क्रमशः चन्द्र,मंगल,शनि,और सूर्य बैठा हो तो बालक के लिए अरिष्ट होता है |
२-यदि लग्न में चन्द्र बारहवें स्थान में शनि,नवम में सूर्य और अष्टम में मंगल हो तो ऐसे जातक को अरिष्ट होता है|
३-चंद्रमा किसी भाव में भी किसी पापग्रह के साथ बैठा हो तो और उस पर किसी शुभ ग्रह क़ि उस पर दृष्टि न हो तो बालक के लिए बहुत ही शीघ्र अरिष्ट होता है |
४-क्षीण चन्द्र यदि लग्न में बैठा हो तो और अष्टम तथा केंद्र में कोई शुभ ग्रह न हो तो एक मास के अन्दर जातक के लिए अरिष्ट होता है |
क्रमशः --

2 comments:

Unknown said...

bhupendra prnam
aap isake aage to likhe hee nahin ki aur kaun kan se arisht hote hain,mere ghar aane ka kasht kariye.
rahul singh rewa

Anonymous said...

is par aur likhen

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