आज का सुविचार -"" जो कार्य स्वयं को अच्छा न लगे वह कार्य दूसरे के साथ नहीं करना चाहिए |"
""आत्मनः प्रतिकूलानि परेषां न समाचरेत ""
माह - आश्विन कृष्ण पक्ष
तिथि - सप्तमी गुरुवार
नक्षत्र - मृगशिरा सायं ०५.२७ तक
योग - व्यतीपात दोपहर ०१.०९ तक
विशेष - सप्तमी श्राद्ध , महा लक्ष्मी व्रत
चंद्रोदय - रात १०.४१ पर
मुहूर्त - दोपहर ०१.०७ के बाद
पुंसवन संस्कार , जातकर्म नामकरण , शिशु ताम्बूल भक्षण ,पश्चिम दिशा की यात्रा,अन्नप्राशन ( पसनी) ,वाहन खरीदने का मुहूर्त , आपरेशन का मुहूर्त
Wednesday, September 29, 2010
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पाराशर के अनुसार ग्रह दृष्टि
पश्यन्ति सप्तमं सर्वे शनि जीव कुजः पुनः । विशेषतश्च त्रिदशत्रिकोणचतुरष्टमान् || भावः - यहाँ पर ग्रहों की दृष्टि के बारे में बतलाते हु...
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यह कुंडली चक्र राशी स्वामी को बताता है जैसे -मेष का स्वामी मंगल ,वृषभ का स्वामी शुक्र इत्यादि ......... इसी को कालपुरुष कुंडली चक्र भी कहते...
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पश्यन्ति सप्तमं सर्वे शनि जीव कुजः पुनः । विशेषतश्च त्रिदशत्रिकोणचतुरष्टमान् || भावः - यहाँ पर ग्रहों की दृष्टि के बारे में बतलाते हु...
3 comments:
anupamjainanupam174@gmail.com
champbade@gmail.com
divyansh.chawla135@gmail.com
shreeman aapaka lekh gyaanvarddhak tha!
sundarm likhatu
parashar
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