Sunday, August 15, 2010

वाहन योग

जन्म कुंडली में वाहन का विचार चतुर्थ भाव से किया जाता है |
चतुर्थ भाव के साथ ही शुक्र भी विचारणीय होता है|
१ यदि कुंडली में चतुर्थ भाव का स्वामी उसी भाव में बैठा हो और अंशों में बलवान हो |
२ यदि चतुर्थ भाव में शुक्र,चन्द्र बैठे हो या देख  रहे हों |
३ चतुर्थ भाव में शनि या राहु का प्रभाव प्रतिकूल न  हों |
४ सूर्य उच्च या स्वराशि का होकर चतुर्थ या दशम में बैठा हो |
५ मंगल स्वराशि,उच्च राशि का होकर दशम,लग्न,भाग्य स्थान में   बैठा हो
बुध स्वगृही,उच्च,मित्रगेही होकर चतुर्थ दशम में बैठा हो|
७ गुरु लग्न,दशम,चतुर्थ,भाग्य,अष्टम,सप्तम में बलवान होकर बैठा हो|
८,शुक्र चतुर्थ,सप्तम,लग्न आदि स्थानों में शुभ दृष्ट हो|

4 comments:

Unknown said...

Ativ sundar
amitabh

Unknown said...

Pandit ji namaskaar
aap ne vahan ke liye achche yog likhe hai mai apn ajanm samay aapko mail kar raha hu meri kundali me bhi batane ka kasht karen.
aashutosh

Unknown said...

पंडीत जी आपका लेख अच्छा है मै भी इसी vishay का हूँ और आप अपना अनुभव भी likh रहे है यह अच्छी बात है |
मै समय समय में अपनी बात आपसे करता रहूँगा |आप अपने vishay को आगे बढ़ाते रहे यही मेरी शुभ कामना है |
आपका वाहन पर likha हुआ लेख सही है और भी यादी कुछ है तो उसे लीखने का कष्ट करें |
आपका पराशर शर्मा

Unknown said...

नमस्ते जी आपका लेख पढकर बहुत ही अच्छा लगा | आपने जो बिंदु दिए हैं वे सभी प्रमाणिक है क्योंकि मैंने उन्हें आजमाया है और आशा के साथ शुभकामना भी है की आप एसे ही अपने कार्य को आगे बढ़ाते रहेंगा |
देवेन्द्र दीक्षित

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