ग्रह विचार माला में हम अब मंगल के विषय पर चर्चा करते है -
मंगल ग्रह को पुराणों के अनुसार भूमि का पुत्र माना जाता है| मंगल ग्रह को ज्योतिष में सेनापति माना जाता है|
अग्नि ,शक्ति,इच्छाशक्ति ,लीडरशिप,वासना,आत्मविश्वास,प्रभुता,मारक क्षमता,लड़ाई,आदि
शरीर के हिस्से
मज्जा ,कन्धा, गर्भाशय,प्रोस्टेट ग्रंथि,बांया कान,स्नायु,चेहरा,सिर,
गुण
गर्म स्वभाव , अधिकारी वृत्ति,नेतृत्व क्षमता, प्रभुता,शीघ्र कोपी,मेहनती,
कार्य क्षेत्र
सैनिक , पुलिस,साहसिक कार्य,सुरक्षा विभाग,दवा सबंधी व्यवसाय ,दांतों का डॉक्टर,सर्जन,नाई,लोहा तथा स्टील के कारोबार,भोजन निर्माता,अग्नि से सम्बंधित कार्य, भाप के इंजन,लाल रंग से सम्बंधित कार्य, नुकीले हथियारों के कार्य आदि,
Tuesday, July 06, 2010
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पाराशर के अनुसार ग्रह दृष्टि
पश्यन्ति सप्तमं सर्वे शनि जीव कुजः पुनः । विशेषतश्च त्रिदशत्रिकोणचतुरष्टमान् || भावः - यहाँ पर ग्रहों की दृष्टि के बारे में बतलाते हु...
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jyotish,bhavishya,dainik rashiphal,rashifal,sury,chnadra,mangal,budh,guru,shukr,shani,rahu,ketu,kundali
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यह कुंडली चक्र राशी स्वामी को बताता है जैसे -मेष का स्वामी मंगल ,वृषभ का स्वामी शुक्र इत्यादि ......... इसी को कालपुरुष कुंडली चक्र भी कहते...
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पश्यन्ति सप्तमं सर्वे शनि जीव कुजः पुनः । विशेषतश्च त्रिदशत्रिकोणचतुरष्टमान् || भावः - यहाँ पर ग्रहों की दृष्टि के बारे में बतलाते हु...
4 comments:
Mangal ke baare me di gayi jaankari atyant upyogi he. mera niji anubhav bhi aisa hi he. dhanyawad.
Dheeraj ji dhanyawad aapne mere vicharon ko pada|mera aapse nivedan hai ki aap apna sujhav mujhe hamesha dete rahe jisase iski upyogita ko sarthak kiya ja sake|
behatreen jankariyon ke liye shukriya...
shukriya bhoopendra ji..
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