Tuesday, April 13, 2010

raj yog,naulkari

कुंडली में राजयोग का नाम बहुत ही विख्यात है| वस्तुतः यह राज योग शब्द आज भ्रामक बन गया है| राज योग से हमने केवल राजा बनना ही अर्थ लगाया है |
राज योग का अर्थ यदि हम संस्कृत क़ि दृष्टि से देखे तो-
राज्ञः योगः इति अर्थात षष्ठी तत्पुरुष समास में यह शब्द बनता है जिसका शब्दार्थ होती है राजा का योग| 
अब यदि हम इसका भावार्थ देखे तो व्यापक रूप में यह समझ में आता है क़ि पहले समय में राज तंत्र क़ि व्यवस्था थी परन्तु आज प्रजा तंत्र होने के कारण यह शब्द आज परिभाषित नहीं  होगा | तो यह शब्द आज विशेष धन प्राप्ति ,विशेष शासन,विशेष पद की प्राप्ति के लिए प्रयोग किया जाता है|
अतः  विशेष पद आई.एस .ऑफिसर्स .मंत्री , जैसे पद आते हैं| अब 
इन पदों के लिए ग्रहों का बल के अनुसार निर्णय करना होता है|
कुंडली में ग्रहों का बलाबल के अनुसार राजयोग का प्रभाव और राजयोग का लाभ प्राप्त किया जाता है|

No comments:

Featured Post

पाराशर के अनुसार ग्रह दृष्टि

पश्यन्ति सप्तमं सर्वे शनि जीव कुजः पुनः ।  विशेषतश्च त्रिदशत्रिकोणचतुरष्टमान् || भावः - यहाँ पर ग्रहों की दृष्टि के बारे में बतलाते हु...